बीकानेर की राजनीति में उथल-पुथल भाजपा में आए कांग्रेस नेता राजकुमार किराडू की पीड़ा छलकी
बीकानेर। जिले की राजनीति में एक बार फिर से आंतरिक मतभेदों की गूंज सुनाई दी है। कांग्रेस से भाजपा में आए नेता राजकुमार किराडू ने हाल ही में एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की। उन्होंने न सिर्फ बीकानेर पश्चिम से भाजपा विधायक जेठानंद व्यास पर गंभीर आरोप लगाए, बल्कि उन्हें “उखाड़ फेंकने” तक की चुनौती दे डाली।
राजकुमार किराडू, जो कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से टिकट न मिलने पर नाराज होकर भाजपा में शामिल हुए थे, ने कहा कि उन्हें भाजपा से जुड़ने के बाद अपेक्षित राजनीतिक सहयोग और सम्मान नहीं मिला। उन्होंने कहा कि उनके साथ राजनीतिक कार्यकर्ता नहीं, बल्कि व्यापारी, ठेकेदार, और स्कूल-कॉलेज संचालक जुड़े, जो संगठनात्मक राजनीति में सक्रिय नहीं हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जेठानंद व्यास, जिनके भरोसे वे कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे, ने न तो कभी उनसे राजनीतिक सलाह ली और न ही उनके द्वारा संगठन में कार्यकर्ताओं को पद देने की सिफारिशों पर ध्यान दिया। इसे उन्होंने “स्पष्ट अनदेखी” बताया।
हालांकि इस दौरान किराडू ने केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की कार्यशैली की सराहना की और कहा कि उन्हें भाजपा के नेता सुमित गोदारा से ज्यादा काम नहीं पड़ा।
“कांग्रेस छोड़ी, पर यहां उपेक्षा ही मिली”
किराडू ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस छोड़कर जेठानंद व्यास के भरोसे भाजपा का दामन थामा था, लेकिन भाजपा में उन्हें न तो कोई राजनीतिक सम्मान मिला और न ही उनके समर्थकों को संगठन में कोई स्थान। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा में उनके साथ जुड़ने वाले अधिकतर लोग व्यापारी, ठेकेदार, और निजी संस्थानों के संचालक हैं, न कि राजनीतिक सोच रखने वाले कार्यकर्ता।
भाजपा का डेढ़ साल का कार्यकाल बताया ‘शून्य’
किराडू ने राज्य की भाजपा सरकार पर भी हमला बोलते हुए कहा कि डेढ़ साल के कार्यकाल में जमीन पर कोई ठोस काम नहीं हुआ है। उन्होंने बीकानेर में सट्टेबाजी, नशाखोरी, और प्रशासनिक निष्क्रियता का हवाला देते हुए कहा कि न बीडीए और न ही नगर निगम में आमजन के कार्य हो पा रहे हैं। केवल बड़े नेताओं के दौरे पर ही काम “खानापूर्ति” के तौर पर होते हैं।
पीबीएम बना रोजगार का केंद्र
राजकुमार किराडू ने पीबीएम अस्पताल को लेकर भी बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के लोग इस अस्पताल के माध्यम से ठेकेदारी के जरिये रोजगार प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने इसे एक “ठेका प्रवृत्ति” करार दिया।
भाटी को बताया असली जननेता
किराडू ने पूर्व मंत्री देवीसिंह भाटी की तारीफ करते हुए कहा कि बीकानेर में यदि कोई नेता है जिसने प्रशासन को जनता के लिए जिम्मेदार बनाया है, तो वो भाटी ही हैं। अन्य नेता केवल अपने काम के लिए सक्रिय रहते हैं।
कांग्रेस में वापसी से इनकार, गहलोत पर सीधा हमला
कांग्रेस में वापसी की संभावनाओं को खारिज करते हुए किराडू ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि गहलोत ने पार्टी का “सत्यानाश” कर दिया है। हालांकि, उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यदि महापौर का सीधा चुनाव होता है और पार्टी उन्हें मौका देती है, तो वे चुनाव लड़ने को तैयार हैं—पर पार्षद का नहीं।
किराडू की यह प्रतिक्रिया भाजपा के भीतर चल रही अंतर्कलह और नए नेताओं के साथ पुराने नेताओं के संबंधों की हकीकत को उजागर करती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी दिनों में भाजपा इस नाराजगी को किस तरह से संभालती है और क्या किराडू जैसे नेताओं को पार्टी में उनका वाजिब स्थान मिल पाएगा या नहीं।