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बिजली कंपनी की ओर से पिछले काफी समय से अव्यवस्थित बिजली सप्लाई , लोग आखिर सड़कों पर उतर रहे है

बिजली कंपनी की ओर से पिछले काफी समय से अव्यवस्थित बिजली सप्लाई लोग आखिर सड़कों पर उतर रहे है

बीकानेर। बिजली कंपनी की ओर से पिछले काफी समय से अव्यवस्थित बिजली सप्लाई के चलते अब आमजन के साथ-साथ प्रशासन और सरकार भी लाचार नजर आ रही है। परिणाम स्वरूप परेशान होकर लोग आखिर सड़कों पर उतर रहे है। मजे की बात तो यह है कि विरोध प्रदर्शन करने वालों में भाजपा पार्षद,युवा मोर्चा के पदाधिकारी शामिल है। इतना ही नहीं गड़बड़ाई बिजली व्यवस्था के विरोध में विपक्ष भी आएं दिन विरोध कर अपनी भड़ास निकाल रहा है। स्थानीय विधायक भी विधानसभा में अनेक बयान दे चुके है और स्थानीय स्तर पर विडियो जारी कर चेतावनी भी दे चुके है। लेकिन कंपनी के अधिकारियों पर किसी प्रकार का कोई असर नहीं पड़ रहा है। कंपनी के अधिकारी व कंपनी की ओर से जारी नंबरों पर भी उपभोक्ता को किसी प्रकार से कोई रेस्पोन्स नहीं मिलता है। जिससे उनका गुस्सा फूट रहा है।

शिकायती एसएमएस में भी दी जा रही गलत जानकारी
उधर उपभोक्ता की ओर से कंपनी के शिकायती नंबरों पर दर्ज शिकायत के प्रतिउत्तर में मई महीने की जानकारी मिल रही है। सिविल लाइंस निवासी पुष्पा शेखावत ने 29 सितम्बर को क्षेत्र में चार घंटे से लाइट उपलब्ध होने की शिकायत दर्ज करवाई तो उनको तुरंत रिप्लाई का मैसेज आया कि आपकी बिजली 11 मई को रात 12 बजे से पहले बहाल हो जाएगी। जबकि इस समय सितम्बर का महीना चल रहा है।

अभियंता व अधिकारी नहीं उठा रहे फोन
पिछले दो दिनों से सड़कों पर उतरे लोगों का कहना है कि न तो डिवीजन वाइज नियुक्त अभियंता और न ही बिजली कंपनी के अधिकारी फोन उठा रहे है। इतना ही नहीं कंपनी की ओर से जारी नंबरों पर भी किसी प्रकार का कोई जबाब नहीं दिया जाता है। इससे परेशान लोगों ने प्रदर्शन कर जाम लगाएं।

कंपनी का आरोप, धमका रहे हैं कुछ लोग
कंपनी प्रवक्ता अशोक शर्मा का कहना हे कि कुछ लोगों की धमकी के कारण संविदा कर्मचारी काम पर नहीं आए जिससे रखरखाव का पूरी ठप पड़ा है। कंपनी को अब तक 500 से अधिक शिकायतें मिली है जिनका निराकरण नहीं हो पा रहा है। करीब 11 आपातकालीन शिकायतें है। इसी तरह 132 केवी जीएसएस के नम्बर एक फीडर को स्पार्किंग के कारण बन्द करना पड़ा जिसे कर्मचारी ठीक नहीं कर रहे हैं। इससे सुजानदेसर और चेतनानंद जीएसएस बन्द पड़े हैं। शिकायतों का निराकरण नहीं होने से उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं। कंपनी धमकी से डरे कर्मचारियों को समझाने का प्रयास कर रही है।

 

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