पत्रकारों द्वारा सच्चाई की रिपोर्ट करने पर उनको धमकियों का सामना करना पड़ता है जो सच्चाई को रिपोर्ट करने की उनकी स्वतंत्रता में बाधा डाल सकते हैं। प्रेस काउंसिल अधिनियम, 1978 के तहत स्थापित भारतीय प्रेस परिषद (PCI) प्रेस की स्वतंत्रता के संरक्षक के रूप में खड़ा है
मीडिया के तेजी से विकसित हो रहे परिदृश्य में, जनमत को आकार देने, पारदर्शिता सुनिश्चित करने और सत्ता को जवाबदेह बनाने में पत्रकारिता की भूमिका महत्वपूर्ण बनी हुई है। हालाँकि, अपने कर्तव्यों के दौरान, पत्रकारों को अक्सर अनुचित हस्तक्षेप, उत्पीड़न या धमकियों का सामना करना पड़ता है जो सच्चाई को रिपोर्ट करने की उनकी स्वतंत्रता में बाधा डाल सकते हैं। प्रेस काउंसिल अधिनियम, 1978 के तहत स्थापित भारतीय प्रेस परिषद (PCI) प्रेस की स्वतंत्रता के संरक्षक के रूप में खड़ा है और इसका उद्देश्य भारत में समाचार पत्रों और समाचार एजेंसियों के मानकों को बनाए रखना और बढ़ाना है।
पत्रकारों के लिए पीसीआई का महत्व
भारतीय प्रेस परिषद पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा करने और प्रेस की अखंडता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था के रूप में कार्य करती है। शिकायतों को संबोधित करने के लिए एक संरचित प्रक्रिया प्रदान करके, पीसीआई पत्रकारों के लिए प्रतिशोध के डर के बिना अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए एक सुरक्षित और निष्पक्ष वातावरण बनाने में मदद करती है। यह रिपोर्टिंग के उच्च मानकों को बनाए रखने और जवाबदेही सुनिश्चित करके नैतिक पत्रकारिता को भी बढ़ावा देती है।