जयपुर में शिक्षकों का सैलाब, बीकानेर से लेकर पूरे प्रदेश के शिक्षक राजधानी की सड़कों पर उमड़े, शिक्षा मंत्री से हुई वार्ता
जयपुर, 3 जून — राजस्थान की राजधानी जयपुर आज इतिहास के पन्नों में एक नया अध्याय जोड़ते हुए शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बड़े पैदल मार्च और प्रदर्शन का साक्षी बनी। राजस्थान शिक्षक संघ (शे) के बैनर तले हजारों की संख्या में शिक्षक जयपुर की सड़कों पर उतर आए। चांदपोल से शुरू हुआ यह विशाल मार्च शहीद स्मारक पर जाकर थमा, जहां जनसैलाब के रूप में शिक्षकों का जबरदस्त जमावड़ा देखने को मिला।
रैली इतनी विशाल थी कि इसका अगला सिरा शहीद स्मारक पर था, जबकि पिछला सिरा अभी भी चांदपोल पर था। महिला और पुरुष शिक्षकों की रिकॉर्ड संख्या ने इस रैली को अब तक का सबसे लंबा और जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा प्रदर्शन बना दिया।
मंच से उठा सरकार के खिलाफ स्वर
इस विशाल सभा की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष महावीर सिहाग, संघर्ष समिति संयोजक पोखर मल, और सभा अध्यक्ष याकूब खान ने की। अपने संबोधन में महावीर सिहाग ने स्पष्ट शब्दों में कहा, “मांग पत्र का समाधान जब तक नहीं होता, तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। आगे की रणनीति तय करने के लिए जल्द ही एक सेमिनार आयोजित किया जाएगा।”
सभा का संचालन कर रहे प्रदेश महामंत्री उपेंद्र शर्मा ने सरकार और शिक्षा विभाग की नीतियों की तीखी आलोचना करते हुए शिक्षक वर्ग की नाराजगी को खुले तौर पर सामने रखा।
शिक्षा मंत्री से वार्ता, समाधान की आशा
प्रदर्शन के दबाव में शिक्षा मंत्री ने वार्ता के लिए शिक्षक प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया। वार्ता सभी बिंदुओं पर विस्तार से हुई, परंतु कोई ठोस हल न निकलने पर संगठनों ने चेताया कि यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ, तो प्रदेश स्तर पर जनसंगठनों के साथ मिलकर और भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
बीकानेर से बड़ी भागीदारी, नेतृत्व में दिखा दम
विशाल मार्च में बीकानेर जिले से भारी संख्या में शिक्षक शामिल हुए। बीकानेर जिलाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह भाटी के नेतृत्व में प्रदेश मंत्री संजय पुरोहित, उपसभाध्यक्ष रेवंतराम गोदारा, कार्यकारिणी सदस्य खुमाणाराम सारण, कर्मचारी महासंघ जिलाध्यक्ष पृथ्वीराज लेघा, और अनेक अन्य प्रमुख शिक्षक नेता इस आंदोलन में अग्रणी भूमिका में रहे।
बीकानेर जिला मंत्री अरुण गोदारा ने कहा, “यह प्रदर्शन एक ऐतिहासिक आंदोलन है, जब तक राज्य सरकार शिक्षकों की वाजिब मांगें पूरी नहीं करती, यह संघर्ष लगातार और भी तेज होता जाएगा।”
सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश मंत्री संजय पुरोहित ने सरकार को चेतावनी दी, “पूरे प्रदेश का शिक्षक वर्ग संगठित होकर अपने अधिकारों के लिए डट गया है और इस लड़ाई को अंत तक लड़ा जाएगा।”
शामिल प्रमुख शिक्षक नेता:
इस आंदोलन में मनीष ठाकुर, देवेंद्र जाखड़, श्याम सुंदर देवड़ा, रवींद्र विश्नोई, प्रवीण यादव, महावीर सिंह चौहान, जितेंद्र गोदारा, जयदीप कस्वां, केसराराम गोदारा, रूपाराम गोदारा, गोपीराम नैण, दौलतराम ज्याणी, ताराप्रकाश मोयल, विशाल पँवार, देवदत्त अहीर, विजय सिंह राजपूत (पूगल), सूरज कुमार कुमावत, रवि कुमार मौर्य, पंकज शर्मा, राजमल योगी, चिरंजीलाल जांगिड़, मुकेश चौधरी सहित सैकड़ों शिक्षकों ने भाग लिया।
जयपुर में हुआ यह प्रदर्शन न केवल शिक्षक समुदाय की एकता का प्रतीक है, बल्कि यह सरकार के लिए भी एक स्पष्ट संदेश है कि शिक्षा व्यवस्था की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि सरकार जल्द समाधान नहीं देती, तो राजस्थान एक और बड़े जनांदोलन का साक्षी बन सकता है।