खेजड़ी बचाओ पर्यावरण बचाओ अनिश्चितकालीन धरने का 56 वा दिन जिला प्रशासन संवेदनहीन
सौर कंपनियों के कहर से खेजड़ियों को बचाने की मांग पर खेजड़ी बचाओ पर्यावरण बचाओ संघर्ष समिति के जुझारू पर्यावरण प्रेमियों द्वारा जिला कलेक्टरी पर दिया जा रहा अनिश्चितकालीन धरना आज छप्पनवें दिन भी चलता रहा।
इस अवसर पर बोलते हुए शिवदान मेघवाल बीकानेर ने कहा कि खेजड़ियों की कटाई का हमारे द्वारा इसलिए लगातार मुखर विरोध किया जा रहा हैं, क्योंकि रेगिस्तान वासियों के लिए खेजड़ी प्रकृति प्रदत वरदान से कम नहीं है। खेजड़ी के पौधे को अन्य पेड़ों की तरह सहज ही पनपाया नहीं जा सकता। यही कारण है कि अन्य पेड़ों की तुलना में खेजड़ी के लगाये पौधों की ग्रोध बहुत ही कम हो पाती है । क्योंकि इसके ऊगने की खासियत यह है कि इसकी उत्पत्ति मनुष्य की बजाय प्रायः पशु पक्षियों द्वारा इसके फल को खायें जाने के बाद मल त्याग के उपरांत इसके साबूत बचे बीजों के अंकुरण की विशिष्ट प्रक्रिया से ही संभव हो पाती है।
इसलिए सरकार द्वारा काटे जाने वाले पेड़ों के एवज में अन्य वृक्षों को लगाने का झूठा बहाना भी खेजड़ियों की कटाई से संभावित अपूरणीय क्षति को पूरा नहीं कर पायेगा। और जहां खेजड़ियों को नष्ट कर सौलर संयंत्र लगाये जा रहे वहां प्राकृतिक रूप से खेजड़ियां नहीं ऊग ही नहीं पायेगी।
इस अवसर पर पिंपेरां आश्रम के संत स्वामी सेवानाथ, महाराज कवि नरसिंह भाटी (निशु बीकानेरी) मांगीलाल पूनियां, एडवोकेट रक्षपाल बिश्नोई, किसना राम जाखड़,निलम पूनियां,आयुष जगदीश जाणी कतरियासर, मोहनलाल बिस्सू लाछड़सर, श्री राम मंडा मालचंद कस्वां रामसर, नरसिंग बिश्नोई, प्रभु प्रेम रतन जोशी, मूलचंद सांखला, हुसैन हिंदुस्तानी, श्री राम भादू चाखू , संदीप खीचड़ उड़सर, महेंद्र सिंह भादू, रामरतन भादू कुदसू, अब्दुल रहमान कोहरी, गुमाना राम जाट ,सुरेंद्र सैनी, भंवरलाल बिश्नोई आदि धरने पर बैठे।