उष्ट्र चरागाह विकास एवं पर्यावरण संरक्षण वृक्षारोपण
07 अगस्त, 2024। भाकृअनुप-राष्ट्रीय राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र (डीएनसीसी), पर्यावरण के प्रति जागरूकता कार्यक्रम में आज दिनांक को पर्यावरण के प्रति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें केंद्र के समूह, अधिकारी एवं कर्मचारियों ने बड़े पैमाने पर भाग लिया। मिले के पर्यावरण प्रति अपनी तरबूज़ का संतुलन।
इस अवसर पर केन्द्र के निदेशक डॉ. सावल ने बताया कि इस युग में प्रकृति प्रदत्त व्यवस्था के बारे में राजेश के बारे में जानकारी काफी हद तक एक्सट्रीमराल्ड कुमार है, फलतः वैश्विक ताप व्युत्पत्ति (ग्लोबल वेद) आदि के कारण ऋतु चक्र में अत्यधिक व्यापकता का आभास हो सकता है। मूल रूप से वृक्षों की बहुलता से निरपेक्ष पर्यावरण में निर्मित विभिन्न फिल्म निर्माताओं को काफी हद तक देखा जा सकता है। डॉ. सावल ने प्लांटरोपण के इस अवसर को प्लांट के संरक्षण के लिए पौधारोपण विकास से जोड़ने की बात कही।
- केंद्र की चरागाह एवं पशु आहार इकाई के प्रभारी डॉ. प्रियांक गौतम ने बताया कि नक्षत्र तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव के ध्येय से केंद्र में नक्षत्ररोपण का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें 40 जाल और 11 अशोक के सिद्धांत दिए गए। वैकिल्पक ने कहा कि इस साल में 30 खेजड़ी, 70 नीम, 100 सहतूत और 20 बैर, 50 झरबेरी, 50 सहजन, 50 अरडू के उपाय भी मिल गए। वे इस कार्यक्रम में साझीदारी की के लिए केंद्र परिवार के सदस्य बने।