अधिवक्ता भगवान सिंह मेड़तिया का बार एसोसिएशन द्वारा समर्थन
न्यायालय में पुलिस पर द्वेषपूर्ण कार्रवाई का आरोप
बीकानेर। शहर में नशे के खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठाने वाले बार एसोसिएशन के सदस्य अधिवक्ता भगवान सिंह मेड़तिया के साथ अभद्र व्यवहार और उनके खिलाफ पुलिस द्वारा की जा रही कथित द्वेषपूर्ण कार्रवाई को लेकर अधिवक्ताओं में आक्रोश है। इस मुद्दे पर बार एसोसिएशन बीकानेर के अध्यक्ष रघुवीर सिंह राठौड़ के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर दोषी थानाधिकारी गोविंद सिंह चारण के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की।
पुलिस पर लगाया झूठे प्रकरण बनाने का आरोप
बार एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी अनिल सोनी ने बताया कि पुलिसकर्मियों द्वारा वकील समुदाय के साथ अभद्र व्यवहार की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे पूरे अधिवक्ता समुदाय में रोष व्याप्त है। सचिव भंवरलाल बिश्नोई ने कहा कि अधिवक्ता भगवान सिंह मेड़तिया ने अपनी बात पूरी तरह लोकतांत्रिक और कानून सम्मत तरीके से रखी थी, लेकिन इसके बावजूद उनके खिलाफ झूठे प्रकरण बनाकर उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
बार एसोसिएशन ने इस कार्रवाई को द्वेषपूर्ण करार देते हुए कड़े शब्दों में निंदा की और अधिवक्ताओं के खिलाफ ऐसी घटनाओं को रोकने की मांग की। अध्यक्ष रघुवीर सिंह राठौड़ ने कहा कि भगवान सिंह मेड़तिया के खिलाफ की गई कार्रवाई को तत्काल निरस्त किया जाए और भविष्य में वकीलों के खिलाफ द्वेषपूर्ण कार्रवाई न हो, यह सुनिश्चित किया जाए।
न्यायालय में भी दर्ज किया विरोध
इस मामले में आज अधिवक्ता भगवान सिंह मेड़तिया अपने वकीलों के साथ विशिष्ट अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (पीसीपीएनडीटी एक्ट मामलात) की अदालत में पेश हुए। पुलिस द्वारा प्रस्तुत परिवाद के तथ्यों का अधिवक्ताओं ने कड़ा विरोध किया। अदालत ने मामले में सुनवाई के लिए 18 दिसंबर 2024 की तिथि निर्धारित की।
इस दौरान बार एसोसिएशन के अध्यक्ष रघुवीर सिंह राठौड़, विजय पारीक, भंवरलाल बिश्नोई, रमेश पारीक, सुनील आचार्य, श्यामसुंदर चौधरी, असलम और अन्य अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित रहे। अधिवक्ताओं ने एकजुट होकर पुलिस के इस कदम का कानूनी तरीके से विरोध जताया।
बार एसोसिएशन ने दी चेतावनी
बार एसोसिएशन ने पुलिस प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अधिवक्ताओं के खिलाफ झूठे प्रकरण बनाकर उन्हें निशाना बनाने की घटनाओं को रोका जाए, अन्यथा वकील समुदाय आंदोलन करने को मजबूर होगा।